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India russia oil trade भारत ने रूस से तेल खरीदना किया बंद , ट्रंप की सख्ती के बाद क्या हुआ

India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है,

India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है, जो रूसी तेल खरीदना जारी रखते हैं | इसी के मद्देनजर, 1 अगस्त 2025 से कई सरकारी तेल रिफाइनरियों (IOC, BPCL, HPCL, MRPL) ने स्पॉट मार्केट से रूसी तेल की खरीद बंद कर दी है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस पर कोई वैधानिक निर्देश नहीं दिया गया था |

India russia oil trade अमेरिकी प्रतिबंधों और टैरिफ की चेतावनियाँ

India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है,
India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है,

अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल पर कई नए प्रतिबंध (Gazprom Neft, Surgutneftegas, और कई टैंकरों पर) लगाए हैं, जिससे रूस से माल ढुलाई और वित्तीय लेन-देन में चुनौतियाँ बढ़ीं। इससे आपूर्ति बाधित हुई और लॉजिस्टिक्स महंगे हुए | जो रूसी तेल खरीदना जारी रखते हैं जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है |

India russia oil trade रूसी तेल पर मिलने वाली छूट में कमी

India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है,

भारत ने 2022‑2025 के बीच रूस से भारी डिस्काउंट वाले क्रूड आयात किए और इसने भारत को लगभग 11–25 अरब डॉलर की बचत करने में मदद की। रूसी तेल दूसरे आयात स्रोतों (जैसे ब्रेंट क्रूड) से औसतन 11–16% सस्ता था | लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, डिस्काउंट कम हो गया और रिफाइनरियों के लिए रूस से तेल खरीदना उतना आकर्षक नहीं रहा | 

भारत ने रूस से तेल खरीदना पूरी तरह से बंद नहीं किया

India russia oil trade जुलाई 2025 से अमेरिका ने उन देशों पर 10–41% तक के टैरिफ और 100% सेकेंडरी टैक्स की चेतावनी दी है,

सरकारी रिफाइनरियों ने अगस्त 2025 में स्पॉट मार्केट से खरीद बंद की है, डिस्काउंट कम होने और अमेरिकी टैरिफ की चेतावनियों के कारण | निजी रिफाइनरियों के जरिए रूस से आयात अभी भी जारी है। भारत अब अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए स्रोतों का विविधीकरण कर रहा है, लेकिन रणनीतिक हितों और लागत बचत को ध्यान में रखते हुए |


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