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massive oil reserves के लिए ट्रम्प ने पाकिस्तान से किया बड़ी डील, दोस्ती गयी तेल लेने 

massive oil reserves विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी तक वाणिज्यिक रूप से सिद्ध या कुशल तेल भंडार पाए नहीं गए हैं।

massive oil reserves डोनाल्ड ट्रम्प का यह दावा है कि अमेरिका और पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण तेल साझेदारी का समझौता किया है, जिसमें अमेरिका पाकिस्तान की “massive oil reserves” (विशाल तेल भंडार) का विकास करने में सहयोग करेगा। ट्रम्प ने यह घोषणा जुलाई 30–31, 2025 को सोशल मीडिया पर की थी | 

massive oil reserves की स्थिति

massive oil reserves
massive oil reserves विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी तक वाणिज्यिक रूप से सिद्ध या कुशल तेल भंडार पाए नहीं गए हैं।

massive oil reserves विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी तक वाणिज्यिक रूप से सिद्ध या कुशल तेल भंडार पाए नहीं गए हैं। 2015 की अमेरिकी ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट ने कुछ अनुमानित रिजर्व्स बताये थे, लेकिन वे “technically recoverable” थे वाणिज्यिक रूप से वैध नहीं | इस संभावना में कानून, सुरक्षा, वित्तीय जोखिम और लंबी समयावधि शामिल रहेगी  इन पहलुओं की वजह से परियोजना को 5 से 7 साल और $5–10 बिलियन निवेश की आवश्यकता हो सकती है |

व्यावसायिक दृष्टिकोण 

massive oil reserves विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी तक वाणिज्यिक रूप से सिद्ध या कुशल तेल भंडार पाए नहीं गए हैं।

मौजूदा जानकारी बताती है कि यह डील अभी रणनीतिक और राजनीतिक संदेश देने वाला है, न कि एक तुरंत लाभदायक परियोजना | अभी तक किसी प्रमुख तेल कंपनी का नाम या स्थल (जैसे सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब आदि) सामने नहीं आया है | 

प्रारंभिक काम

massive oil reserves विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी तक वाणिज्यिक रूप से सिद्ध या कुशल तेल भंडार पाए नहीं गए हैं।

इस डील के तहत, पाकिस्तान अक्टूबर 2025 में पहली बार अमेरिकी कच्चा तेल (West Texas Intermediate) आयात करेगा  लगभग 1 मिलियन बैरल के परीक्षण शिपमेंट के रूप में। यदि सफल रहा, तो महीने में एक करगो आयात की उम्मीद है |

डोनाल्ड ट्रम्प का पाकिस्तान में तेल विकसित करवाने का वादा 

यह घोषणा वर्तमान में कहीं से भी पुष्टि किए गए तेल रिजर्व्स पर आधारित नहीं है। इस तरह की परियोजना में सफल होने में काफी समय, पैसा, और जोखिम शामिल है  तुरंत विकास के संकेत फिलहाल नहीं दिखते। फिलहाल यह अधिक रोज़गार-आधारित रणनीतिक नीति प्रतीत होती है, न कि व्यावसायिक तेल परियोजना। यदि पाकिस्तान में वाणिज्यिक रूप से massive oil reserves निकले  तो निश्चित रूप से इसके लिए भारी निवेश, विस्तृत सर्वेक्षण और समय की आवश्यकता होगी।

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