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Varansi flood बनारस में बाढ़ से हाहाकार होने लगा पलायन

Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है।

Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है। बीते कुछ दिनों से भारी बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में जलप्रवाह के चलते गंगा उफान पर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बनारस में जल का स्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुच चूका है | दशाश्वमेघ घाट पर पुलिस चौकी में पानी घुस चूका है |
 Varansi flood प्रभावित क्षेत्र

Varansi flood
Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है

लालपुर पांडेयपुर, आदमपुर, चितईपुर, मैदागिन, नदेसर, राजघाट, कमच्छा और चेतगंज जैसे क्षेत्र बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन इलाकों में घरों और दुकानों में पानी भर गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जगहों पर लोग नावों के सहारे आवागमन कर रहे हैं। बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपने घर छोड़कर स्कूलों, पंचायत भवनों और राहत शिविरों में शरण ली है। प्रशासन ने नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित निकाला है।

Varansi flood बाढ़ की वर्तमान स्थिति


2025 के जुलाई महीने में गंगा और वरुणा नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि दर्ज की गई। गंगा नदी खतरे के निशान के पास बह रही है और कई घाट जलमग्न हो चुके हैं, जिनमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, और पंचगंगा घाट शामिल हैं। इसके अलावा वरुणा नदी का पानी शहर के भीतरी इलाकों में घुस चुका है, जिससे अनेक मोहल्लों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

Varansi flood प्रशासन अलर्ट पर

Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है


Varansi flood   जिला प्रशासन और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। नावों के ज़रिए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। DM और पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ग्रस्त इलाकों में बिजली काट दी गई है ताकि करंट का खतरा न हो। वहीं, पीने के पानी की भी भारी किल्लत हो गई है। हैंडपंप और नल जलमग्न हो चुके हैं।


प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
Varansi flood बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत शिविरों की स्थापना की है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। नगर निगम और आपदा राहत बल की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। कई इलाकों में बिजली और जल आपूर्ति ठप हो गई है, जिसे बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों पर असर

Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है


 गंगा घाटों पर होने वाली आरतियाँ और पूजा-पाठ पर भी असर पड़ा है। दशाश्वमेध घाट और मणिकर्णिका घाट जलस्तर के करीब आ चुके हैं, जिससे मंदिरों में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा है। वाराणसी धार्मिक नगरी होने के कारण देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं। लेकिन बाढ़ के कारण घाटों पर स्नान और पूजा की गतिविधियां रुक गई हैं। गंगा आरती को भी घाटों से हटाकर सुरक्षित ऊंचाई पर किया जा रहा है। इससे धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
Varansi flood स्थानीय लोगों की स्थिति

Varansi flood गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने बनारस में हाहाकार मचा दिया है

स्थानीय लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। घरों में पानी भरने के कारण लोग अपना सामान ऊंचे स्थानों पर ले जाने को मजबूर हैं। स्कूल बंद कर दिए गए हैं और अस्पतालों में भी आपात सेवाएं ही चालू रखी गई हैं। वाराणसी में बाढ़ अब एक वार्षिक संकट बन चुका है। हालांकि प्रशासन प्रयासरत है, लेकिन स्थायी समाधान की आवश्यकता है। जल निकासी की उचित व्यवस्था, नदी किनारे बस्तियों का पुनर्वास, और बेहतर पूर्वानुमान प्रणाली से भविष्य में इस संकट से निपटा जा सकता है।

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