Trump tariff war अमेरिका और जापान के बीच प्रस्तावित 550 अरब डॉलर के निवेश और व्यापार पैकेज पर अब संकट गहरा गया है। जापान के मुख्य वार्ताकार र्योसेई अकाजावा ने वाशिंगटन की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह डील अभी जल्द सिरे नहीं चढ़ेगी।
निवेश पैकेज पर अनिश्चितता

जुलाई 2025 में जिस समझौते का खाका तैयार किया गया था, उसके तहत जापान अमेरिका में सेमीकंडक्टर, रेयर अर्थ मटेरियल और फार्मा सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश करने वाला था। बदले में, अमेरिका को जापानी आयात पर टैरिफ को 15% तक घटाना था। लेकिन अब इस पैकेज पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
मुनाफे पर विवाद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया था कि इस पैकेज से होने वाले 90% मुनाफे पर अमेरिका का हक होगा, जबकि जापान चाहता है कि यह निवेश दोनों देशों के लिए बराबर फायदेमंद साबित हो। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस डील की सबसे बड़ी कमी यह है कि लिखित शर्तें स्पष्ट नहीं हैं। जापान का कहना है कि अमेरिका को पहले कार्यकारी आदेश के जरिए टैरिफ संबंधी नियम साफ करने चाहिए, जबकि अमेरिका का रुख है कि वर्तमान प्रस्ताव ही अंतिम है।
Trump tariff war का वैश्विक व्यापार पर असर

Trump tariff war न केवल अमेरिका-जापान संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि वैश्विक व्यापार और निवेश माहौल पर भी असर डाल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह समझौता टूटता है, तो इसका असर एशियाई बाजारों और भारत जैसे देशों पर भी पड़ेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो अमेरिका और जापान की सप्लाई चेन पर निर्भर हैं।