Sonam Wangchuk लद्दाख के प्रसिद्ध इंजीनियर और शिक्षा सुधारक ने अत्यधिक ठंड वाले इलाकों के लिए एक सोलर हीटेड टेंट (Solar Heated Tent) तैयार किया है। यह नवाचार विशेष रूप से भारतीय सेना के जवानों और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। यह 24×7 तापमान नियंत्रण करता है टेंट के अंदर का तापमान जमाव बिंदु से ऊपर बनाए रखता है, जिससे सर्दी में भी आराम से रहा जा सकता है |
सोलर हीटेड टेंट की ज़रूरत

लद्दाख और सियाचिन जैसे इलाकों में तापमान -20°C से -40°C तक चला जाता है | पारंपरिक टेंट या हीटिंग सिस्टम डीज़ल या केरोसिन पर चलते हैं, जिससे ईंधन की भारी खपत होती है,प्रदूषण बढ़ता है, लॉजिस्टिक्स महंगा हो जाता है इस समस्या के समाधान के लिए Sonam Wangchuk ने एक ऐसा टेंट बनाया जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलता है |
सोलर हीटेड टेंट की विशेषताएँ

यह सौर ऊर्जा से चलता है इसमें सोलर पैनल लगे होते हैं जो दिन में ऊर्जा संग्रह करते हैं और रात में टेंट को गर्म रखते हैं। ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन करता है यह टेंट पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह डीज़ल और अन्य ईंधन पर निर्भर नहीं करता | ऊर्जा की बचत करता है पारंपरिक हीटर की तुलना में 90% तक ऊर्जा की बचत करता है | पोर्टेबल और आसान इंस्टॉलेशन है से आसानी से कहीं भी लगाया जा सकता है।
सेना और आम जनता के लिए फायदेमंद

भारतीय सेना सियाचिन और लद्दाख जैसे ऊँचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए यह टेंट जीवनरक्षक साबित हो सकता है। स्थानीय लोग चरवाहे और ग्रामीण भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। आपदा प्रबंधन हिमस्खलन या भूकंप जैसी आपदाओं में अस्थायी आश्रय के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
निर्माण में तकनीक
टेंट को इंसुलेटेड मटीरियल से बनाया गया है जो ठंडी हवाओं को अंदर नहीं आने देता। इसमें थर्मल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम है, जो दिन में गर्मी संचित कर रात में छोड़ता है। मॉड्यूलर डिज़ाइन के कारण इसे जल्दी से जोड़ा और हटाया जा सकता है। Sonam Wangchuk का कहना है की हम चाहते हैं कि भारतीय सेना और स्थानीय लोग बिना प्रदूषण फैलाए और बिना महंगा ईंधन जलाए ठंड में आराम से रह सकें। यह टेंट हमारी ‘जलवायु-मैत्रीपूर्ण तकनीक’ का हिस्सा है।