SCO Summit 2025 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट 2025 ने वैश्विक राजनीति में नए समीकरण गढ़ दिए। इस मंच पर चीन, भारत, रूस सहित 20 से अधिक देशों के नेता एकत्र हुए, जहां बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक दक्षिण की एकजुटता पर जोर दिया गया।
मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की दोस्ती पर सबकी नजरें

SCO Summit 2025 के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दोस्ताना मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा। हंसी-मजाक, हाथ मिलाने और गर्मजोशी भरे पलों ने यह संदेश दिया कि एशियाई शक्तियां नए वैश्विक समीकरण बनाने के लिए साथ आ रही हैं।
नए प्रस्ताव और विकास की योजनाएं

SCO Summit 2025 शी जिनपिंग ने एससीओ डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की घोषणा की, साथ ही सदस्य देशों के लिए 2 अरब युआन की सहायता राशि और 10 अरब युआन का ऋण पैकेज देने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा, एक एआई सहयोग केंद्र और चंद्र अनुसंधान स्टेशन में सदस्य देशों को शामिल करने की योजना भी पेश की गई, जो तकनीकी और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को नया आयाम देगा।
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन और रणनीतिक संदेश

SCO Summit 2025 के बाद बीजिंग में आयोजित विशाल सैन्य परेड ने चीन की ताकत का प्रदर्शन किया। इस परेड में उन्नत मिसाइलें, ड्रोन, एंटी-मिसाइल सिस्टम और लेजर हथियार शामिल थे, जिससे स्पष्ट संदेश गया कि चीन एशिया में अपनी सुरक्षा और तकनीकी क्षमता को मजबूती से स्थापित कर रहा है।