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Russia Earthquake Tsunami दुनिया के लिए बड़ी वार्निग, हो सकता है भारी नुकशान

Russia Earthquake Tsunami 30 जुलाई 2025 को, रूस के दूर पूर्व कमचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र में 8.8 मैग्निट्यूड (कुछ स्रोतों में 8.7 तक संशोधित) की एक बहुत ही शक्तिशाली भूकंप ने कंगा दिया; इसे 1952 के बाद सबसे ताकतवर माना जा रहा है | भूकंप की गहराई धरातल के करीब (~19‑20 किमी) थी, जिससे अत्यधिक सूनामी उत्पन्न हुई |

Russia Earthquake Tsunami का  प्रभाव

Russia Earthquake Tsunami
Russia Earthquake Tsunami 30 जुलाई 2025 को, रूस के दूर पूर्व कमचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र में 8.8 मैग्निट्यूड (कुछ स्रोतों में 8.7 तक संशोधित) की एक बहुत ही शक्तिशाली भूकंप ने कंगा दिया

Severo‑Kurilsk और आसपास के बंदरगाह क्षेत्रों में 3–5 मीटर (10‑13 फुट) ऊँची लहरें देखी गईं, जिससे बाढ़, जहाजों के बह जाने और बुनियादी संरचना को नुकसान हुआ | इस क्षेत्र में राज्य आपातकाल (State of Emergency) घोषित किया गया और लगभग 2,700 लोग निकाले गए थे | सुनामी कई घंटे तक जारी रह सकती है क्योंकि अलग-अलग तरंग आगे बढ़ते समय अलग समय पर तटों तक पहुँचती हैं |

जापान में स्थिति

Russia Earthquake Tsunami 30 जुलाई 2025 को, रूस के दूर पूर्व कमचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र में 8.8 मैग्निट्यूड (कुछ स्रोतों में 8.7 तक संशोधित) की एक बहुत ही शक्तिशाली भूकंप ने कंगा दिया

जापान ने तमाम प्रशांत तटीय इलाकों होक्काइदो से लेकर फुकुशिमा तक में tsunami warning/advisory जारी किया। होक्काइदो में पहली लहर लगभग 30 cm (1 फुट) थी, जबकि जापान की अन्य जगहों पर सरकारी चेतावनी पुरानी गाइडलाइन के तहत जारी रही | जापान में हाल ही की 2011 सुनामी त्रासदी की वजह से सुरक्षा और preparedness बेहतर हैं। फुकुशिमा नाभिकीय संयंत्र को तात्कालिक रूप से सुरक्षित अवस्था में रखा गया था जब चेतावनी जारी हुई | 

Russia Earthquake Tsunami वैज्ञानिक और ऐतिहासिक संदर्भ

Russia Earthquake Tsunami यह भूकंप आधुनिक युग का छठा सबसे शक्तिशाली माना गया है, विशेषकर जब 1952 और 2011 (जापान) के बड़े हादसों की तुलना की जाए | कमचटका और कुरील आर्क दक्षिणी प्रशांत की subduction zone का हिस्सा हैं, जो भूकंपीय गतिविधियों और सुनामी का प्रमुख केन्द्र हैं। विशेषकर 1952 में इसी क्षेत्र में आया 9.0 की तीव्रता वाला भूंकंप ~18 मीटर ऊँची सुनामी लेकर आया था, जिसमें लगभग 2,336 लोग मरे थे | 

भारत के दृष्टिकोण से

भारत की दक्षिण पूर्वी या दक्षिण-पश्चिमी तटों (जैसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा आदि) पर कोई सुनामी प्रभाव नहीं आया। पाकिस्तान, बांग्लादेश या भारत के प्रशांत-निकट तट किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हैं। 

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