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Nikki Haley का ट्रंप को चेतावनी : भारत पर टैरिफ न लगाएं, चीन को रियायत देना बड़ी भूल

Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है।

Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि भारत पर भारी टैरिफ लगाकर अमेरिका को अपने मज़बूत सहयोगी के साथ रिश्ते ख़राब नहीं करने चाहिए। हेली ने कहा कि चीन जैसे विरोधी को रियायत देना और भारत को निशाना बनाना अमेरिकी हितों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

भारत पर टैरिफ की धमकी और विवाद

Nikki Haley
Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखता है तो वे भारत पर “बहुत बड़े पैमाने” पर टैरिफ बढ़ा देंगे। उनका आरोप था कि भारत की रूस से बढ़ती तेल ख़रीदारी यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को आर्थिक सहारा दे रही है। इस बयान के बाद भारत ने साफ़ शब्दों में कहा कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से उसके राष्ट्रीय हितों और आर्थिक ज़रूरतों के आधार पर तय होती है।

Nikki Haley का अमेरिका को संदेश

Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है।

Nikki Haley ने ट्रंप के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा: “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन जैसे विरोधी को टैरिफ में रियायत देना और भारत जैसे मज़बूत सहयोगी को सज़ा देना अमेरिका की विदेश नीति को कमज़ोर कर देगा।” हेली ने यह भी कहा कि चीन को 90 दिनों के लिए टैरिफ से छूट देना और भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाना अमेरिका की “दोहरी नीति” को उजागर करता है। 

भारत-अमेरिका संबंधों की अहमियत

Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है।

Nikki Haley का मानना है कि यदि अमेरिका भारत को लेकर कठोर नीतियां अपनाता है तो इससे न केवल चीन को फ़ायदा मिलेगा बल्कि रूस भी इसका लाभ उठा सकता है। यही वजह है कि उन्होंने चेतावनी दी कि भारत पर दबाव डालने से अमेरिका का सबसे बड़ा रणनीतिक सहयोगी दूर हो सकता है।

चीन को क्यों मिली रियायत

Nikki Haley पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता ने एक बड़ा बयान दिया है।

निक्की हेली ने सवाल उठाया कि जब चीन रूस और ईरान से सबसे ज़्यादा तेल ख़रीद रहा है तो उसे 90 दिन की टैरिफ छूट क्यों दी गई? उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने चीन के लिए टैरिफ 145% से घटाकर 30% कर दिया और चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर ड्यूटी 125% से घटाकर 10% कर दी। आगे कहा कि अमेरिका को अपने असली प्रतिद्वंद्वी चीन पर सख़्त रुख अपनाना चाहिए और भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदार को मज़बूत बनाना चाहिए।

भारत का सख्त रुख

भारत ने भी इस पूरे विवाद पर अपनी स्थिति साफ़ कर दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति केवल सस्ते और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है और यह किसी भी देश के दबाव में बदलने वाली नहीं है। भारत ने यह भी इशारा किया है कि अमेरिका यदि टैरिफ बढ़ाता है तो यह केवल दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नुकसान पहुंचाएगा।

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