फिल्म Inspector Zende की कहानी अपराध और जांच की दुनिया को एक अलग अंदाज़ में दिखाती है। कहानी शुरू होती है कुख्यात अपराधी कार्ल भोजराज से, जो जेल से फरार होकर मुंबई में फिर से अपने पुराने खेल शुरू करता है। इस चुनौती को संभालने के लिए पुलिस विभाग अपने भरोसेमंद और सीधे-सादे लेकिन होशियार इंस्पेक्टर मधुकर बापुराव जेंडे को मैदान में उतारता है। जो इस खतरनाक अपराधी को पकड़ने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेता है।

Manoj Bajpayee का दमदार अभिनय
फिल्म में Manoj Bajpayee ने इंस्पेक्टर जेंडे के किरदार को बेहद सहजता के साथ निभाया है। उनका अभिनय हर सीन में अलग रोमांच लाता है और दर्शकों को बांधे रखता है। दूसरी तरफ Jim Sarbh बतौर कार्ल भोजराज दिखते हैं उनका अंदाज खतरनाक है। सहायक किरदारों में Sachin Khedekar और Girija Oak कहानी को भावनात्मक रूप देते हैं।

Inspector Zende की निर्देशन और प्रस्तुति
निर्देशक Chinmay D. Mandlekar ने Inspector Zende फिल्म को बायोपिक जैसा टोन देने के बजाय हल्के-फुल्के अंदाज और कॉमिक टच के साथ दिखाया गया है। 70 और 80 के दशक की मुंबई को बड़े परदे पर उतारने का उनका प्रयास वाकई लाजवाब है। गलियों, माहौल और किरदारों की झलक दर्शकों को उस दौर की याद दिलाती है। हालांकि, कुछ जगह फिल्म का टोन ठीक नही लगता है।
- फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसका कैरेक्टर ड्रिवन नैरेटिव और दोनों मुख्य कलाकारों का शानदार अभिनय है। पुरानी मुंबई की झलक मजेदार टकराव इसे रोचक बनाए रखते हैं। लेकिन अगर आप गंभीर क्राइम-थ्रिलर की उम्मीद से इसे देखेंगे, तो कुछ जगह यह थोड़ा अधूरा महसूस हो सकता है।