India pakistan match दुनियाभर में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले मुकाबलों में से एक है। लेकिन इसके बावजूद, कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच नहीं होना चाहिए इसी को लेकर ओवैसी जी ने भी संसद में आवाज उठाया है |
Owaisi speaks for entire India inside the Indian Parliament. No cricket match with Pakistan is acceptable after the cowardly Pahalgam terror attack. How does your conscience allow such a cricket match between India and Pakistan? #BanPakCricket pic.twitter.com/wQn7Q1vEX1
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 28, 2025
राजनीतिक तनाव

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से राजनीतिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। आतंकवाद, सीमा विवाद (जैसे कश्मीर मुद्दा), और राजनयिक मतभेदों के कारण दोनों देशों के संबंध स्थिर नहीं रहे। ऐसे माहौल में क्रिकेट खेलना एक तरह से राजनीतिक मुद्दों को नजरअंदाज करना माना जा सकता है। India pakistan match के दौरान कई बार दर्शकों के बीच झगड़े, सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट और अनावश्यक विवाद देखने को मिलते हैं। यह स्थिति खेल भावना को नुकसान पहुंचाती है और देश के भीतर भी अशांति फैलाती है।
आतंकवाद का समर्थन

पाकिस्तान की सरजमीं से भारत पर कई बार आतंकी हमले किए गए हैं, जिनमें पुलवामा हमला (2019), पहलगाम हमला सबसे बड़ा उदाहरण है। ऐसे में जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक भारत के लिए उसके साथ कोई भी खेल प्रतियोगिता खेलना नैतिक रूप से उचित नहीं लगता। भारत में बहुत से लोग मानते हैं कि India pakistan match खेलना शहीदों का अपमान है। जनता के मन में देशभक्ति की भावना होती है, और जब दुश्मन देश के साथ मैत्रीपूर्ण खेल होते हैं, तो यह जनता की भावनाओं को आहत करता है।
आर्थिक लाभ से आतंक को मदद

पाकिस्तान की ओर से कई बार खेल का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा के तौर पर किया गया है। वे हार या जीत को राजनीतिक रंग देने लगते हैं, जिससे खेल की आत्मा नष्ट हो जाती है। ऐसे में खेल कूटनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। जब India pakistan match होता है, तो करोड़ों रुपये का राजस्व पैदा होता है। इसका कुछ हिस्सा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी मिलता है, जो बाद में किसी न किसी रूप में पाकिस्तान की सरकार या संस्थानों को फायदा पहुंचाता है। यह परोक्ष रूप से आतंकवाद को सहयोग करने जैसा हो सकता है।