Haiti कैरिबियन सागर में स्थित एक छोटा लेकिन ऐतिहासिक देश, आजकल दुनिया भर में अपने बढ़ते अपराध दर को लेकर सुर्खियों में है। यहाँ की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता ने देश को एक ऐसे बिंदु पर पहुँचा दिया है जहाँ कानून व्यवस्था लगभग समाप्त हो चुकी है। हैती में अपराध दर इतनी अधिक है कि संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ और पड़ोसी देश तक चिंतित हो चुके हैं। यहाँ पर अपराध अफ्गानिस्तान से भी ज्यादा हो चूका है |
Haiti में अपराध की स्थिति

Haiti में हिंसा और अपराध की जड़ें कई वर्षों पुरानी हैं, लेकिन 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या के बाद से स्थिति और भी अधिक बिगड़ गई। राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस और अन्य प्रमुख शहरों में गैंगों का बोलबाला है। ये सशस्त्र गिरोह पुलिस और सेना से भी अधिक ताकतवर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के अंत तक हैती में प्रतिदिन औसतन 15 से अधिक हत्याएँ दर्ज की गईं। 2025 की शुरुआत में यह आंकड़ा और भी बढ़ गया। यह दर दुनिया के सबसे हिंसक देशों में से एक मानी जाती है।
Haiti में अपराध दर बढ़ने के मुख्य कारण

राजनीतिक अस्थिरता- Haiti में लंबे समय से एक स्थायी सरकार का अभाव है। चुनाव बार-बार टलते रहे हैं, और अस्थायी सरकारें जनता का विश्वास खो चुकी हैं। आर्थिक संकट- हैती कैरिबियन का सबसे गरीब देश है। गरीबी, बेरोजगारी और भूख ने लोगों को अपराध की ओर धकेल दिया है। जब पेट खाली हो, तो युवा गिरोहों का हिस्सा बनकर पैसा कमाने की राह चुनते हैं।
गैंगों का प्रभाव

राजधानी और अन्य क्षेत्रों पर लगभग 200 से अधिक गैंग नियंत्रण बनाए हुए हैं। ये गैंग न सिर्फ अपराध करते हैं, बल्कि राजनीतिक नेताओं के साथ गठजोड़ कर प्रशासन को भी प्रभावित करते हैं। कानून व्यवस्था का अभाव- पुलिस बल कमजोर, भ्रष्ट और संसाधनविहीन है। कई बार पुलिस खुद भी गैंगों के साथ मिली होती है, जिससे जनता को न्याय नहीं मिल पाता।
महिलाओं और बच्चों पर प्रभाव
Haiti में अपराध की सबसे ज्यादा मार महिलाओं और बच्चों पर पड़ी है। अपहरण और यौन शोषण की घटनाओं में जबरदस्त वृद्धि हुई है। गैंग युद्धों में महिलाओं को निशाना बनाना आम हो गया है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जिससे बच्चों की शिक्षा पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और अन्य देशों ने हैती की स्थिति को “मानवता के खिलाफ आपदा” करार दिया है। 2025 में केन्या की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजने की योजना बनाई गई है, ताकि वहां की सुरक्षा व्यवस्था को दोबारा बहाल किया जा सके।
आगे की राह

हैती को इस संकट से उबारने के लिए एक मजबूत, निष्पक्ष और स्थायी सरकार की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना भी जरूरी है। गैंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और न्यायिक व्यवस्था में सुधार ही इस देश को फिर से स्थिरता की ओर ले जा सकते हैं। हैती में बढ़ती अपराध दर न केवल एक राष्ट्रीय संकट है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा बन चुकी है। अगर समय रहते अंतरराष्ट्रीय समुदाय और हैती की जनता ने मिलकर ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह संकट और भी विकराल रूप ले सकता है।