Chris Woakes dislocated shoulder  : कंधा उतरने के बाद भी मैदान पर उतरे, इंडिया ने 6 रन से जीता रोमांचक टेस्ट

Chris Woakes dislocated shoulder
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Chris Woakes dislocated shoulder  इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए ओवल टेस्ट का पांचवा दिन क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार पलों में दर्ज हो गया। इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने अपनी हिम्मत और टीम के लिए समर्पण का ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसे देखकर पूरा स्टेडियम खड़ा होकर तालियां बजाने लगा।

Chris Woakes dislocated shoulder कैसे लगी चोट

Chris Woakes dislocated shoulder
Chris Woakes dislocated shoulder के साथ नंबर 11 पर स्लिंग बांधे हुए मैदान पर उतरे।

Chris Woakes dislocated shoulder टेस्ट के पहले दिन फील्डिंग के दौरान Chris Woakes एक चौका रोकने के लिए डाइव लगाते हुए बुरी तरह गिर गए और उनका कंधा डिसलोकेट (उतर) हो गया। इस चोट के बाद उन्हें मैच से बाहर मान लिया गया और उनका हाथ स्लिंग में बांध दिया गया। 

आखिरी दिन का रोमांच

पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन की जरूरत थी और केवल एक विकेट शेष था। तभी सभी को चौंकाते हुए Chris Woakes dislocated shoulder के साथ नंबर 11 पर स्लिंग बांधे हुए मैदान पर उतरे। वह दर्द में थे लेकिन टीम के लिए मैदान में उतरने का उनका साहस देखकर सभी हैरान रह गए। वोक्स ने कोई गेंद नहीं खेली, लेकिन उनके साथ क्रीज पर मौजूद गस एटकिंसन ने रन बनाने की कोशिश की। हालाँकि भारत ने मुकाबला 6 रन से जीतकर सीरीज 2-2 से बराबर कर दी।

भारत की शानदार गेंदबाजी

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Chris Woakes dislocated shoulder के साथ नंबर 11 पर स्लिंग बांधे हुए मैदान पर उतरे।

इंग्लैंड की मजबूत शुरुआत को मोहम्मद सिराज की घातक गेंदबाजी ने रोक दिया। उन्होंने पांच विकेट लेकर इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को तोड़ दिया। वहीं, हैरी ब्रूक (111 रन) और जो रूट (105 रन) की पारियां भी टीम को जीत नहीं दिला पाईं। 

सोशल मीडिया पर फैंस का रिएक्शन

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Chris Woakes dislocated shoulder के साथ नंबर 11 पर स्लिंग बांधे हुए मैदान पर उतरे।

क्रिस वोक्स का यह साहसिक कदम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। फैन्स ने उनकी तुलना अनिल कुंबले के उस ऐतिहासिक पल से की जब कुंबले टूटा हुआ जबड़ा लेकर बल्लेबाजी करने उतरे थे। यह मुकाबला न केवल भारत की जीत के लिए बल्कि वोक्स के जज्बे के लिए भी याद रखा जाएगा। उनकी बहादुरी ने क्रिकेट प्रेमियों को दिखा दिया कि असली खेल सिर्फ स्कोर से नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की हिम्मत और जुनून से भी परिभाषित होता है।