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Bakaiti जब घर की तकरार, हंसी और अपनापन एक साथ परोसे जाएं

Bakaiti

ZEE5 पर आई नई वेब सीरीज़ Bakaiti हमें एक ऐसे परिवार की कहानी दिखाती है, जो हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का आईना लगती है। इसमें हंसी, तकरार, अपनापन और तमाशा—सब कुछ भरपूर है, लेकिन बिना किसी बनावट के।

Bakaiti

एक कमरा, कई जज़्बात

यह कहानी है संजय कटारिया नाम के एक अधेड़ उम्र के वकील की, जो अब नोटरी का काम करके अपने परिवार को पाल रहा है। जब परिवार को पैसों की तंगी महसूस होती है, तो वह अपने ही घर का एक कमरा किराए पर देने के लिए मजबूर होता है। यही से शुरू होती है ‘बकाइती’ की असली कहानी।

परिवार में उनकी पत्नी सुशमा, दो बच्चे-नैना और भरत, और साथ में रहते हैं उनके बुजुर्ग पिता, जिनकी चुप्पी में भी बहुत कुछ कहा गया है।

Bakaiti के किरदारों का जादू

Bakaiti की बकवास नहीं, दिल से निकली बातें

सीरीज़ का नाम ‘Bakaiti’ सुनने में भले ही हल्का लगे, लेकिन इसकी परतों में छुपा हास्य और भावनात्मक गहराई हर दर्शक को छू जाती है। इसमें कोई बड़ा ट्विस्ट या थ्रिल नहीं है, बल्कि उन छोटी-छोटी बातों की अहमियत है, जो हर घर में होती हैं लेकिन कही नहीं जातीं।

लेखन और निर्देशक 

निर्देशक अमीत गुप्ता और लेखकों की टीम ने मिलकर एक ऐसा घर बसाया है, जिसमें न कोई विलेन है और न कोई हीरो, बस हैं तो अपने लोग, अपनी कहानियां। हर सीन एक याद जैसा लगता है,कभी पंखा बंद करने पर बहस, कभी रोटी के आखिरी टुकड़े पर लड़ाई।

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