OpenAI और Perplexity AI जैसे प्लेटफॉर्म्स की सफलता के बीच, भारतीय मूल के युवा उद्यमी Aravind Srinivas अब अरबपति क्लब में शामिल हो चुके हैं। हाल ही में उनकी कंपनी की वैल्यू में भारी उछाल आया, जिससे उनकी नेटवर्थ अरबों में पहुँच गई है। टेक इंडस्ट्री में यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
भारत में AI के लोकतंत्रीकरण का सपना

Aravind Srinivas का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उनका सपना है कि हर भारतीय — चाहे वह गाँव में हो या शहर में — AI की ताकत का लाभ उठा सके। वह AI को “इंटरनेट के बाद का अगला बड़ा बदलाव” बताते हैं।
सस्ती और सुलभ AI सेवाओं पर काम

उनकी कंपनी का लक्ष्य है ऐसे AI टूल्स और ऐप्स तैयार करना जो भारतीय भाषाओं में भी काम करें और जिनकी कीमत आम लोगों के बजट में हो। अरविंद चाहते हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी AI का अधिकतम उपयोग किया जाए, ताकि लोगों का जीवन आसान हो सके।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
From researcher to revolutionary!
— Akshay Thakur (@guttyakshay) October 5, 2025
Aravind Srinivas, CEO of Perplexity, becomes India’s youngest billionaire—leading the AI revolution and taking on Google & Microsoft head-on.#AravindSrinivas #PerplexityAI #IndianInnovation pic.twitter.com/cTzZJp55dl
Aravind Srinivas की कहानी उन लाखों भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा है जो टेक्नोलॉजी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सपना बड़ा हो तो सफलता अपने आप मिलती है, बस उसमें जुनून और उद्देश्य होना चाहिए।