A. P. J. Abdul Kalam का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु के एक गरीब लेकिन सुसंस्कृत मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम था अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम और मृत्यु 27 जुलाई 2015, शिलांग में हुआ | इनका उपनाम मिसाइल मैन ऑफ इंडिया है | यह भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे | इनको भारत रत्न (1997), पद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया गया |
A. P. J. Abdul Kalam का प्रारंभिक जीवन

A. P. J. Abdul Kalam के पिता जैनुलाब्दीन एक नाविक थे और धार्मिक प्रवृत्ति के सरल व्यक्ति थे। उनकी माता आशियम्मा एक धर्मपरायण और दयालु महिला थीं। अब्दुल कलाम चार भाइयों और एक बहन के साथ बड़े हुए। उनका परिवार बहुत अमीर नहीं था। इसलिए अब्दुल कलाम ने बचपन में अपने घर की आर्थिक मदद करने के लिए अखबार बांटने का काम भी किया। वे एक मेहनती और जिज्ञासु छात्र थे, जिन्हें गणित और विज्ञान में गहरी रुचि थी।
A. P. J. Abdul Kalam के प्रारंभिक जीवन की विशेषताएं
A. P. J. Abdul Kalam ने गरीबी में भी हार नहीं मानी वह मेहनत करते रहे , शिक्षा के प्रति गहरी निष्ठा रखते थे | आत्मनिर्भरता और अनुशासन से भरे हुए थे | विज्ञान और तकनीक में रुचि थी बचपन से ही देशसेवा का सपना का सपना था |
“सपना वो नहीं जो आप नींद में देखते हैं, सपना वो है जो आपको नींद नहीं आने देता।” – डॉ. कलाम
शिक्षा
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बचपन से ही उनका सपना था कि वे एक फाइटर पायलट बनें, लेकिन इंडियन एयरफोर्स की परीक्षा में वे नौवें स्थान पर रहे और केवल आठ लोगों का चयन हुआ। इसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक बनने का निश्चय किया।
वैज्ञानिक करियर
डॉ. कलाम ने ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) और DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) में काम किया। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-III का निर्माण किया जिससे रोहिणी उपग्रह 1980 में अंतरिक्ष में भेजा गया। वे भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में अग्नि, पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और नाग जैसे मिसाइलों का विकास हुआ। इसी कारण उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” कहा गया।
परमाणु परीक्षण और राष्ट्रपति पद
1998 में पोखरण में भारत के द्वितीय परमाणु परीक्षण की सफलता में उनकी भूमिका अहम थी। इस परीक्षण ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बना दिया। डॉ. कलाम को 2002 में भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। वे “जनता के राष्ट्रपति” कहलाए क्योंकि वे छात्रों और आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय थे।
लेखन और प्रेरणा
कलाम एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी प्रसिद्ध किताबें हैं “Wings of Fire” (अग्नि की उड़ान) आत्मकथा , “Ignited Minds” (प्रज्ज्वलित मन) , “India 2020” – भारत के भविष्य की कल्पना | उन्होंने हमेशा युवाओं को सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और देश सेवा के लिए प्रेरित किया | 27 जुलाई 2015 को, शिलांग (मेघालय) में एक भाषण के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वहीं उनका निधन हो गया। वे आखिरी सांस तक देश को प्रेरित करते रहे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम न केवल एक महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति थे, बल्कि वे मिलनसार, विनम्र और देशभक्त इंसान भी थे। उनका जीवन हमें सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा देता है।