Jagdeep Dhankhar भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति ने 21 जुलाई 2025 को अपने पद से अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनके इस्तीफे के पीछे कारण स्वास्थ्य समस्याएँ बताए गए, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएँ और अटकलें शुरू हो गई हैं। इस्तीफे का औपचारिक कारण स्वास्थ्य समस्याएँ (AIIMS में भर्ती, एंड्रियोप्लास्टी, और जून में कुमाऊँ विश्वविद्यालय में बेहोशी जैसी घटनाएँ) बताया गया है | प्रधानमंत्री मोदी ने उनके स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएँ भेजते हुए उनका आभार जताया |
Jagdeep Dhankhar ने इस्तीफे क्या कहा

21 जुलाई 2025 को धनखड़ ने अचानक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। इस्तीफे का औपचारिक कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बताया गया। पिछले कुछ महीनों में वे कई बार बीमार पड़े और हाल ही में उत्तराखंड के एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर बेहोश हो गए थे। इसके बाद उन्हें AIIMS में भर्ती किया गया और एंजियोप्लास्टी भी करवाई गई।उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण मैं उपराष्ट्रपति पद पर अब और दायित्व निभाने में असमर्थ हूं। यह निर्णय मेरे लिए कठिन था लेकिन आवश्यक था।
Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे के पीछे विपक्ष का आरोप

Jagdeep Dhankhar ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारण बताते हुए उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया और अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा | मीडिया विश्लेषक और विपक्ष ने इसमें “साजिश या आंतरिक तनाव” की संभावना जताई | विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, ने इस घटना पर “गहरे राजनीतिक या साजिश के पहलू” होने की बात उठाई। जयराम रमेश ने कहा कि जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू की बैठक में गैरहाज़िरी और इस्तीफे के पीछे कुछ और रहस्य हो सकता है |
Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे पर राजनीतिक विश्लेषकों ने क्या कहा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस्तीफे के समय और ढंग से यह एक सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ा मामला नहीं लगता। कुछ लोग इसे भाजपा के अंदरूनी राजनीति, संभावित राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति या फिर किसी संवैधानिक विवाद से जुड़ा हुआ मामला मान रहे हैं। साथ ही, न्यायपालिका और संसद के संबंधों में बढ़ते तनाव, संविधान में प्रस्तावित संशोधन, और विपक्षी गठबंधन की मजबूती भी इसके पीछे संभावित कारण माने जा रहे हैं।
अगले चुनाव प्रक्रिया
संविधान (अनुच्छेद 66) के अनुसार, नई उपराष्ट्रपति का चयन संसद के सचिवों द्वारा गुप्त मत से होगा | निर्वाचन मंडल में लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सदस्य (चुनावित व मनोनीत) भाग लेंगे | चुनाव जल्द से जल्द होना चाहिए जैसे ही पद रिक्त होता है, प्रक्रिया शुरू हो जाती है | चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत लगभग तत्काल, लेकिन अभी तक कोई नए नाम घोषित नहीं। संभव है कि जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह जैसे नाम आगे आएं |
Jagdeep Dhankhar के बारे में

Jagdeep Dhankhar का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक किसान परिवार में हुआ था। वे पेशे से वकील रहे और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लंबे समय तक जुड़े रहे। 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2022 में उपराष्ट्रपति चुने गए। उनका कार्यकाल 11 अगस्त 2022 से शुरू हुआ था और यह 10 अगस्त 2027 तक चलना था। लेकिन 3 साल की अवधि में उन्होंने बीच में इस्तीफा देकर केवल तीसरे उपराष्ट्रपति (वी.वी. गिरि और भैरों सिंह शेखावत के बाद) बनने का रिकॉर्ड बनाया |