मई 2025 में भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया। Donald Trump ने दावा किया कि इस दौरान चार से पांच जेट्स मार गिराए गए हैं, लेकिन यह साफ नहीं था कि ये किस देश के थे। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने व्यापार वार्ता के जरिये तनाव को कम किया और संभावित बड़े युद्ध को अटका दिया | भारत का पक्ष रहा कि यह समझौता दो देशों के बीच द्विपक्षीय व्यवस्था से हुआ था भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता ना स्वीकार करने का स्पष्ट संकेत दिया |
Donald Trump India Pakistan तनाव में मध्यस्थता और व्यापार वार्ता

10 मई 2025 को दोनों देशों ने पूर्ण और तत्काल ceasefire (लड़ाई बंदी) लागू की। ट्रम्प और उनकी टीम ने इसे अमेरिकी मध्यस्थता का नतीजा बताया ट्रम्प ने बताया की यह युद्ध उन्होंने रुकवाया है जबकि भारत ने इसे सीधे सैन्य चैनलों के बातचीत का परिणाम बताया है | इसके बाद ट्रम्प ने दोनों देशों को व्यापार बढ़ाने की पेशकश की और कहा कि अमेरिका दोनों के दृढ़ साझेदार बनना चाहता है |
Donald Trump नोबेल शांति पुरस्कार के लिए की नामांकन
जून 2025 में ट्रम्प ने नॉबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया, उनके Ceasefire के प्रयासों के लिए। हालांकि, इसके बाद ट्रम्प प्रशासन द्वारा ईरान पर अमेरिका की नीतियों पर भी सवाल उठने लगे, जिससे इस नामांकन की आलोचना बढ़ी |
व्यापार समझौतों पर चल रही वार्ता

जुलाई 2025 में पाकिस्तान ने वॉशिंगटन में 29% अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए व्यापार वार्ता की। वार्ता में अमेरिका ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया और व्यापार सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत मिले। ट्रम्प ने चेतावनी दी कि अगर भारत–पाक सैन्य भिड़ंत फिर शुरू हुई, तो वह किसी व्यापार समझौते में नहीं रुचि लेंगे |
Donald Trump India Pakistan को लेकर परिणाम
2025 में ट्रम्प पाकिस्तान सम्बन्धों में दूरगामी बदलाव देखे गए हैं। तनावपूर्ण घटनाक्रम (जैसे India Pakistan Ceasefire) के बीच ट्रम्प ने प्रभावी मध्यस्थता करने का दावा किया, व्यापार समझौतों की परियोजनाएं शुरू हुईं, और व्हाइट हाउस में पाक आर्मी चीफ से मुलाकात जैसी अप्रत्याशित घटनाएँ सामने आईं। दूसरी ओर, भारत ने इन पहलुओं को एकतरफा मध्यस्थता के बजाय अपने द्विपक्षीय चैनलों पर भरोसा दर्शाया।
पाकिस्तानी आर्मी चीफ की व्हाइट हाउस में मुलाकात
एक और ऐतिहासिक घटनाक्रम तब हुआ जब जून 2025 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात की। यह पहली बार था जब किसी पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति से बिना किसी राजनीतिक प्रतिनिधि के मुलाकात की। इससे यह संकेत मिला कि अमेरिका पाकिस्तान की सेना को एक अहम रणनीतिक भागीदार मानता है।
पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप
ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को FATF (Financial Action Task Force) में ग्रे लिस्ट में रखने का समर्थन किया, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पाकिस्तान-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहे। हालांकि ट्रंप ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया, फिर भी उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंध बनाने की कोशिश भी की।