GSLV-F16 NISAR मिशन सफलता पूर्वक हुआ लॉन्च, इसरो को एक और सफलता 

GSLV-F16 NISAR
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GSLV-F16 NISAR हुआ सफल, भारत और अमेरिका मिलकर एक महत्वाकांक्षी मिशन पर काम कर रहे हैं जिसका नाम है NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar)। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के GSLV-F16 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाना था जो सफल हो गया |

GSLV-F16 क्या है

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GSLV-F16 NISAR हुआ सफल, भारत और अमेरिका मिलकर एक महत्वाकांक्षी मिशन पर काम कर रहे हैं

पूरा नाम Geosynchronous Satellite Launch Vehicle – F16 है | क्षमता  लगभग 4,000 किलोग्राम वजन तक का उपग्रह जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित कर सकता है। विशेषता  इसमें क्रायोजेनिक अपर स्टेज (Cryogenic Upper Stage) का उपयोग किया जाता है, जो इसे ज्यादा ताकतवर बनाता है। 

NISAR मिशन क्या है

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GSLV-F16 NISAR हुआ सफल, भारत और अमेरिका मिलकर एक महत्वाकांक्षी मिशन पर काम कर रहे हैं

पूरा नाम  NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar है | यह मिशन NASA और ISRO मिलकर तैयार कर रहे हैं। पृथ्वी की सतह में हो रहे बदलावों का उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा इकट्ठा करना इसका उद्देश्य है | लॉन्च वाहन GSLV-F16 है | लॉन्च साइट  श्रीहरिकोटा (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र), भारत है | 

GSLV-F16 NISAR मिशन के मुख्य उद्देश्य

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GSLV-F16 NISAR हुआ सफल, भारत और अमेरिका मिलकर एक महत्वाकांक्षी मिशन पर काम कर रहे हैं

GSLV-F16 जलवायु परिवर्तन अध्ययन  ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र-स्तर में वृद्धि और पर्यावरणीय बदलावों की निगरानी करनी है। भूकंप और ज्वालामुखी निगरानी  टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल का अध्ययन करना है | वन और कृषि प्रबंधन  जंगलों की कटाई, कृषि विकास और भूमि उपयोग का पता लगाना है | बाढ़ और आपदा प्रबंधन  प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी पहले से उपलब्ध कराना है |

GSLV-F16 NISAR की तकनीकी विशेषताएँ

GSLV-F16 SAR (Synthetic Aperture Radar) तकनीक का उपयोग। एल-बैंड और एस-बैंड रडार का संयोजन, जिससे दिन और रात दोनों समय डेटा मिल सकता है। बादलों और अंधेरे मौसम में भी स्पष्ट तस्वीरें लेने की क्षमता। यह मिशन भारत को पृथ्वी अवलोकन तकनीक में नई ऊँचाई देगा। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय को जलवायु परिवर्तन से संबंधित सटीक आंकड़े उपलब्ध होंगे। आपदा प्रबंधन में मदद से जान-माल की सुरक्षा बढ़ेगी।