रूस में प्राकृतिक आपदा 450 साल बाद Krasheninnikov ज्वालामुखी पहली बार फूटा, भारी भूकंप से हुआ सक्रिय। Kamchatka क्षेत्र की हालत, जानें वैज्ञानिक और आपातकालीन अपडेट्स।
रूस में प्राकृतिक आपदा भूकंप और ज्वालामुखी

रूस में प्राकृतिक आपदा सुदूर पूर्वी क्षेत्र कंचाट्का प्रायद्वीप में हाल ही में धरती इतनी ज़ोर से हिली कि इसका असर पूरे प्रशांत महासागर तक महसूस किया गया। 8.8 रिक्टर स्केल की इस भीषण भूकंप ने न केवल तटीय इलाकों में दहशत फैलाई, बल्कि इसके कुछ ही समय बाद वहां का सदियों पुराना सुप्त ज्वालामुखी “क्रशेनिनिकोव” (Krasheninnikov) भी फट पड़ा।
रूस में प्राकृतिक आपदा पर वैज्ञानिकों की राय

रूस में प्राकृतिक आपदा वैज्ञानिकों के मुताबिक इतनी बड़ी तीव्रता वाला भूकंप गहरे भूगर्भीय दबाव को सक्रिय कर देता है, जिसके कारण सदियों से शांत पड़े ज्वालामुखी भी फट सकते हैं। इस विस्फोट के बाद पास स्थित क्ल्युचेव्स्कॉय (Klyuchevskoy) ज्वालामुखी में भी हल्की गतिविधि दर्ज की गई है। यह ज्वालामुखी पिछले लगभग 450 सालों से निष्क्रिय था और अब पहली बार राख और लावा उगलते हुए देखा गया। राहत की बात यह रही कि आसपास कोई आबादी नहीं थी, वरना स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
भूकंप के बाद सुनामी अलर्ट

इस शक्तिशाली भूकंप के झटके केवल रूस तक सीमित नहीं रहे। जापान, हवाई और प्रशांत महासागर के कई द्वीपों तक सुनामी अलर्ट जारी किया गया। हालांकि बाद में इन चेतावनियों को हटा लिया गया, लेकिन इसने क्षेत्र के लोगों को डरा दिया। भारी मात्रा में राख फैलने की वजह से एविएशन कोड ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया गया है। विमानन विभाग ने पायलटों को चेतावनी दी है कि वे ज्वालामुखी के आसपास उड़ान से बचें, क्योंकि राख इंजन को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती है।